White टूटने वाले तारे देता फिरे जब की तू ही प्रतिपल भाई गिरे भव कितना है निर्दय पता चल गया न सोचे जो पीड़ित न दूँ पीड़ा रे ©कवि प्रभात #good_night कविता कोश कविता कोश