जख्म तो बहुत गहरे है वयाँ करना भी न मुनकिन है। मगर क्या करे उस सनम दिल को याद ही नही आती। कि मेरा क्या हाल किया उसने न जल सकता हूँ न ही महक सकता हूँ बस उस समन दिल के विन सनम दिल