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बच्चों के साथ बचपन फिर जी जाते हैं नादानियों को उ

बच्चों के साथ 
बचपन फिर जी जाते हैं
नादानियों को उनकी
आज पंख लगाते हैं
शैतानी दिमाग चलो उनका 
उन्हें ही पढ़ाते हैं
गुम होकर उनकी दुनिया में
ढेर सारी यादें बनाते हैं
बच्चों के साथ बच्चे बन जाते हैं
अटखेलियों का उनकी  लुफ्त अब उठाते हैं
देखकर खुशी उनकी आँखों की
मस्ताने भी हो जाते हैं
जी कर उनके प्यार में
दिल से खुश कराते हैं
भोली उनकी मुस्कान को
ओर भोला बनाते हैं
चलो आज बच्चों संग
बच्चे हम भी बन जाते हैं

©Nisha Bhargava |di√y∆|
  #life of mother

life of mother #कविता

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