सारी हदें तोड़ दी हमने यारों मोहब्बत छोड़ दी हमने गिला न करेंगे हम नाज़िम ज़िन्दगी से यार-ए-इश्क में बेबफा छोड़ दी हमने जो कहते है हमें ज़ालिम उनसे कहा दो ...... यु तड़प कर रोना छोड़ दिया हमने। सारी हदें तोड़ दी हमने यारो मोहब्बत छोड़ दी हमने जो हम पथ पर उनके दीदार को तरसते थे नैन-मटका करते थे, उनसे कहा दो ......की वो राहे छोड़ दी हमने। जो पानी बरस है नाज़िम आँखो से वो खामोसी से सह लिया हमने सालों से की अब ......, सारी हदें तोड़ दी हमने अच्छा है यारो मोहब्बत छोड़ दी हमने #हदे #मोहब्बत #छोड़ दि #khnazim