आज फिर वे कसमें, वादे निभाने को जी चाहता है फिर से तेरी रूह में उतर जाने को जी चाहता है फिर से उसी मन मंदिर में अपनी मूर्त बसाने को जी चाहता है।। वे कसमें वे वादे