Nojoto: Largest Storytelling Platform

10मैं अपनी औकात में खुश हूँ। जैसी भी है जात में खु

10मैं अपनी औकात में खुश हूँ।
जैसी भी है जात में खुश हूँ।
नहीं किसी से कुछ चाहा है,
मैं तो हर हालात में खुश हूँ।
खुशियाँ रूठ गईं तो क्या गम
गैरों की बारात में खुश हूँ।
उन्हें मुबारक उनका सूरज,
मैं तो अपनी रात में खुश हूँ।
जब तक हंसी नहीं आती है।
आंसू की सौगात में खुश हूँ।
दर्द सहन करना क्या आया,
अपनों के आघात से खुश हूँ।
जश्न जीत का खूब मनाओ,
मैं तो अपनी मात में खुश हूँ।
इसका मतलब जो भी निकले
मैं तो बस बरसात में खुश हूँ।
वो दिमाग से बेशक सोचें
मैं तो दिल की बात से खुश हूँ।

©Surabali Yes
  #MahavirJayanti #in #in_my_life #Hindi #hindi_shayari #hindi_nojoto #hindi_poem #hindi_kavita #kawita #kahani