#युग्म_शब्द आधारित सृजन #नैन_बावरे, #दिन_रैन, #रात_चाँदनी #सुख_चैन, #पवन_पुरवाई। ********************* गाल है गुलाल लाल होठों पे लाली छवि देख मोहन की हुए #नैन_बावरे। प्रेम_राग छेड़ दिया मैं तो दिवानी हुई #सुख_चैन छीन लिया बंसी की धुन ने। #दिन_रैन एक हुए प्यार की उमंग छाई मिलन हुआ मोहन से #रात_चाँदनी मे। हृदय की विकलता कैसे समझाऊँ सखी आंचल उड़ाये दिया #पवन_पुरवाई ने। **************************** ©Naresh Chandra #लक्ष्मीनरेश #feellove