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White रचना दिनांक 19,,11,,2024, वार, मंगलवार, समय,

White रचना दिनांक 19,,11,,2024,
वार, मंगलवार,
समय,सुबह, पांच, बजे,
्       ््भावचित्र ््
           ्् निज विचार ््
             ्् शीर्षक ््
                  ््््निज विचार ््
     ््््भावचित्र ््
      भज लिया सो राम,,
     कर लिया सो काम।1 ।
       यह जीवन है विश्राम ,
      कुछ पल,घड़ी विलक्षण प्रतिभा ,,
    अनमोल विचार प्रवाह प्यार में बदल रहे ।2।         परिवर्तन शील प्रयोग परीक्षा प्रतिभा अनमोल है,, 
    जो सत्य है वो जन्म, मरण, परण, जस,           अपजस, लाभ ,हानि ,कर्म, विधी,विधाता के         अनुसार है।3।
     धर्म ,अर्थ ,काम, मोक्ष, मूलं,कारकं,दिव्य      ज्योति,,   
प्राकट्य ,प्रकट,स्वधर्म परिपालन केअनुसार है।4।।
     प्रतिभा जींव प्राणी जीवाश्म में कर्म भूमि पर     जातक के प्रारब्ध, भविष्य, और वर्तमान, ही,,
 ,      सुन्दर छबि मनोमय नरोत्तम उत्तमशक्ति       परमपुरुष परमात्मा से प्रार्थना, योग,भोग,         अन्नपूरणेश्वरी देवीभ्यो नमः।।5 ।।
   पेट भरा फिर भी हो खाली हाथ चला,,
    कि वो लफ्जो से भावना मन से लिख दिया ।।।।6।।
    ईश प्राप्ति वंदना कीर्ति यश वरदान ब़म्ह           कर्ममंत्र यंत्र देवत्व कलाओं से परिपूर्ण हो,,
      यही याचना करने से सम्पूर्ण जीवन कर्म      फलित है,
    निर्राकारआकारहीन ईश्वरपूर्ण रूप सम्पूर्ण है।।7।।
     यही सनातन विचार सच का मूल मंत्र शक्ति         दिव्यता प्रदान एक दस्तावेज उदगम 
    स्त्रोत स्थल जो जीना सिखाता है,,
     सच्चा धर्मगुरु सच्चा दोस्त सच्चाई कर्मभूमि    मृत्युलोक है।।8 ।।
        यहां इन्सान जो बनकर आया है,,
     वह वास्तव में फिर लौटकर देवलोक गमन हो   जाना है।। 9।।
     ना कोई संदेश ना कोई चिट्ठी,,
       यह सब कुछ प्रभू कृपा प्राप्त एक बहानाहै ।  ।।10।।
    सम्भल जाओ यह मृत्युलोक सर्व धर्म कर्म     का,,     
मर्म सुंदर सुजान है ,यही हिन्दूस्तान की       ्         पहचान है।।11 ।।
      
सम्भल जाओ यह मृत्युलोक सर्व धर्म कर्म का,, मर्म सुंदर सुजान है
यही हिन्दूस्तान की पहचान है।।11 ।।
         ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््
19 , नवम्बर 2024,,





19,, नवम्बर 2024,,

©Shailendra Anand #good_night  भक्ति सागर
््कवि शैलेंद्र आनंद
White रचना दिनांक 19,,11,,2024,
वार, मंगलवार,
समय,सुबह, पांच, बजे,
्       ््भावचित्र ््
           ्् निज विचार ््
             ्् शीर्षक ््
                  ््््निज विचार ््
     ््््भावचित्र ््
      भज लिया सो राम,,
     कर लिया सो काम।1 ।
       यह जीवन है विश्राम ,
      कुछ पल,घड़ी विलक्षण प्रतिभा ,,
    अनमोल विचार प्रवाह प्यार में बदल रहे ।2।         परिवर्तन शील प्रयोग परीक्षा प्रतिभा अनमोल है,, 
    जो सत्य है वो जन्म, मरण, परण, जस,           अपजस, लाभ ,हानि ,कर्म, विधी,विधाता के         अनुसार है।3।
     धर्म ,अर्थ ,काम, मोक्ष, मूलं,कारकं,दिव्य      ज्योति,,   
प्राकट्य ,प्रकट,स्वधर्म परिपालन केअनुसार है।4।।
     प्रतिभा जींव प्राणी जीवाश्म में कर्म भूमि पर     जातक के प्रारब्ध, भविष्य, और वर्तमान, ही,,
 ,      सुन्दर छबि मनोमय नरोत्तम उत्तमशक्ति       परमपुरुष परमात्मा से प्रार्थना, योग,भोग,         अन्नपूरणेश्वरी देवीभ्यो नमः।।5 ।।
   पेट भरा फिर भी हो खाली हाथ चला,,
    कि वो लफ्जो से भावना मन से लिख दिया ।।।।6।।
    ईश प्राप्ति वंदना कीर्ति यश वरदान ब़म्ह           कर्ममंत्र यंत्र देवत्व कलाओं से परिपूर्ण हो,,
      यही याचना करने से सम्पूर्ण जीवन कर्म      फलित है,
    निर्राकारआकारहीन ईश्वरपूर्ण रूप सम्पूर्ण है।।7।।
     यही सनातन विचार सच का मूल मंत्र शक्ति         दिव्यता प्रदान एक दस्तावेज उदगम 
    स्त्रोत स्थल जो जीना सिखाता है,,
     सच्चा धर्मगुरु सच्चा दोस्त सच्चाई कर्मभूमि    मृत्युलोक है।।8 ।।
        यहां इन्सान जो बनकर आया है,,
     वह वास्तव में फिर लौटकर देवलोक गमन हो   जाना है।। 9।।
     ना कोई संदेश ना कोई चिट्ठी,,
       यह सब कुछ प्रभू कृपा प्राप्त एक बहानाहै ।  ।।10।।
    सम्भल जाओ यह मृत्युलोक सर्व धर्म कर्म     का,,     
मर्म सुंदर सुजान है ,यही हिन्दूस्तान की       ्         पहचान है।।11 ।।
      
सम्भल जाओ यह मृत्युलोक सर्व धर्म कर्म का,, मर्म सुंदर सुजान है
यही हिन्दूस्तान की पहचान है।।11 ।।
         ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््
19 , नवम्बर 2024,,





19,, नवम्बर 2024,,

©Shailendra Anand #good_night  भक्ति सागर
््कवि शैलेंद्र आनंद