चुनाव चुनाव स्थगित होते ही अदावत भी भूल गए नेताजी जो मिलने पर दिन में तीन बार करते थे प्रणाम वही मुंँह फेर कर खड़े हो गए बनकर अनजान क्या यही है आज की राजनीति की तस्वीर चुनाव आने पर ही पहचानते वरना तो पहचानते भी नहीं अदावत तो दूर हाल चाल भी नहीं पूछते चुनाव की नजाकत को अच्छी तरह से जानते दारू और पैसे के बल पर वोट को खरीदते चुनाव जीत जाने पर किसी को भी नहीं पहचानते ©DR. LAVKESH GANDHI चुनाव # चुनाव का माहौल# #hands