आज दर्द-ओ-गम को छोड़ एक बार फिर,,,जिन्दगी से नजरें मिला लू अपनो ने समझा बेगाना , चलो एक बार ,,,फिर अपना ही दर्द सी लू ये ही तो जिन्दगी का फ़लसफ़ा है दर्द जितना भी हो ,,,पर होठों से मुस्कुरा लू अपने ही अंदर कई दर्द छूपा लू तो चलो फिर एक बार ,,,जिन्दगी से जिन्दगी को मिला दू ।। सुप्रभात। हर व्यक्ति का जीवन को लेकर अपना नज़रिया होता है, अपना फ़लसफ़ा होता है। #फ़लसफ़ा #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi