ज़िदगी मे ग़म नहीं अब , बेख़ौफ़ नज़ारे देख रहा हूँ , उसी एक पल कि तलाश मे मैं , तन्हा दर दर घूम रहा हूँ .... तेरे आने पर सावन बूंदों को , तेरे जाने पर ज्येष्ठ दोपहरी को , उस वर्षा को उस गर्मी को , अपने अंदर मे झेल रहा हूँ ..... #NIKHIL22P_KI_DAIRY_SE#SAAVAN_KI_BOONDEIN#JESHTH_KI_DOPAHAR#PYAAR#MOHABBAT#STORIES