सुकून चाहिए ए जिंदगी,पर सफर है के खत्म नहीं होता किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंजिल,और हामरा रास्ता ही तय नहीं होता।। मुश्किल सफर अकेले ही तय करना है,हर सफर में हमसफ़र नहीं होता। और ए जिंदगी में लौटना चाहता हूं,रास्ते में बहुत सन्नाटा है डर है कहीं भटक ना जाऊं,अनजान चेहरो में कौन किसे जान पाता है।। होटो पर खामोशी चेहरे पर मुस्कान रख लेते हैं लंबा सफर है जरूरी सामान रख लेते है।। और अब थोड़ा अलग सोचता हूं कि, मंजिल का पता नहीं ये तलाश जरूरी है पूरे हो या ना हो ख्वाब जरूरी है हो जाए सफर आसमान तो क्या,परो में उड़ान जरूरी है।। Bhavna Pindari 30 aug 2020 ... morning.. corner.# #seaside