जिंदगी में कुदरत के सानिध्य में मिले हम, प्यार के गुल खिले, और जिंदगी में इश्क की महक महकने लगी। मुझे लगता था हम एक ही है, पर वक़्त ने तोड़ा मेरा घमंड, और तोल दिया मुझे तन्हाई के तराजू में, मुझे कोई गिला शिकवा नहीं उससे, क्योंकि उसकी भी कोई मजबूरी थी, वह तो चली गई लेकिन अपने पीछे, एक सुहानी यादें छोड़ गई, जब भी तस्वीर दिखती है नजरों के सामने, तो आँखे नम हो जाती है मेरी, एक सच्चे विश्वास से जुड़े थे हम, इसीलिए तो उसकी खुशी में ही मेरी खुशी मान ली मैंने, जिंदगी के मुकाम से सब कुछ पाया मैंने, लेकिन एक उसकी ही कमी हमेशा खलेगी मुझे, एक प्यार का रिश्ता मर गया है, लेकिन उसका एहसास तो अभी भी जिंदा है ज़हन में। - Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-785 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।