#OpenPoetry "वो सुनेहरा बचपन" वो नुक्कड़ की पानीपूरी वो चटपटी चाट का लुत्फ़, वो साईकल पर बेठ बहूत दूर निकल जाना अपनी सहेलियौ के सँग, वो क्लास मै शैतानीया कर साथ मैं सजा के तौर पर बहार निकल हूडधम मचाना, वो एक-दूसरे को अलग-अलग नामों से पूकारना, वो अम्मी से छुपकर रसोई में जाना , अम्मी की बनाई बरफ़ी खाना, वो अब्बा का बजार से लौटने का इंतजार करना, वो सुनेहरा बचपन और उसकी सुनहरी यादें रेहरेहकर याद दिलाए, मुजे मेरी ही नादानीया, के कैसें मैं खुश रहतीं थी हरपल यूँही बेवझह! #OpenPoetry #nojotowriters #features #me #sunehrabachpan #writersofindia #hindiloversclub #poets #hindiwriters