ख्वाहिश और उम्मीदों का अंबार लिए बैठा हूं! कागज की नाव में पतवार लिए बैठा हूं!! हफ्तों के सभी दिन गुजरे मायूसी भरे ! आ जाओ फुर्सत भरे इतवार में बैठा हूं!! बेखबर फुर्सत से बैठा हूं