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जानते भी हो नहीं चाहती अब मैं फिर से तेरी बाहों

जानते भी हो 
नहीं चाहती अब मैं 
फिर से तेरी बाहों में  सोना 
नहीं चाहती अब मैं 
फिर से टूट कर बिखर ना 
नहीं चाहती अब 
मैं तेरे और मेरे इस 
रिश्ते का बोझ तुम पर डालना 
नहीं चाहती अब मैं 
यह गिले-शिकवे मिटा 
एक नई शुरुआत करना 
बस चाहती हूं तो इतना 
तेरे #आशी नाम से 
अपनी एक अलग पहचान बनाना 
कर सकूं जिस पर मैं नाज इतना 
कह सकूं बस इतना 
पहचान है यह मेरी 
छुपाने की कोशिश ना करूं
खुले मन से बेझिझक कह सकूं 
हां पहचान है यह मेरी 
हां पहचान है यह मेरी

#आशी #हां पहचान है यह मेरी
#LastDay
#आशी
जानते भी हो 
नहीं चाहती अब मैं 
फिर से तेरी बाहों में  सोना 
नहीं चाहती अब मैं 
फिर से टूट कर बिखर ना 
नहीं चाहती अब 
मैं तेरे और मेरे इस 
रिश्ते का बोझ तुम पर डालना 
नहीं चाहती अब मैं 
यह गिले-शिकवे मिटा 
एक नई शुरुआत करना 
बस चाहती हूं तो इतना 
तेरे #आशी नाम से 
अपनी एक अलग पहचान बनाना 
कर सकूं जिस पर मैं नाज इतना 
कह सकूं बस इतना 
पहचान है यह मेरी 
छुपाने की कोशिश ना करूं
खुले मन से बेझिझक कह सकूं 
हां पहचान है यह मेरी 
हां पहचान है यह मेरी

#आशी #हां पहचान है यह मेरी
#LastDay
#आशी
ashi5203576787933

आशी

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