संवारने को जन्म अपना दान कन्या का करते हो क्यों हत्या भ्रूण कन्या की दहेज में डरके करते हो पढ़ाते प्यार से बेटी परवाह तन - मन से करते हैं हो किसी की हवस में तुम बेटी क्यों न समझते हो ©Shiv Narayan Saxena #relaxation बेटी क्यों न समझते हो?