कोइ हल कश्मकश का निकले तो सही कोई फैसला अर्श का उतरे तो सही छोड़ कर तकल्लुफ हाले दिल बताएं किसे कोई खेर खवह खेरियत पूंछे तो सही बैठ कर फुर्सत में यादे अय्यियाम करे किया कोई लम्हा फुर्सत का रहे तो सही इश्क़ में कैस भी बनजाए लेकिन कोई लैला मिले तो सही हो तेरे इश्क़ पे अएतेबार कैसे उल्फत इन नजरो में दिखे तो सही अल्फ़ाज़ नहीं यह, है जज़्बात की अक्कासी पर कोई दिल से ' उमर ' इन्हें समझे तो सही #कोइ_समझे_तो_सही कश्मकश - परेशानी , मुश्किल अर्श - खुदा का तख्त तकल्लुफ - हिचकिचाहट , झिझक खेर खवाह - हमदर्द यादे अय्याम - गुज़रे वक़्त की याद कैसे - मजनू अएतेबार - भरोसा