मेरे हिस्से कभी आया था, इक रंग मोहब्बत का काला स्याह गहराया था, इक रंग मोहब्बत का कई रंग सुनहरे ओढ़े थे, जो बाकी सारे छूट गये बस मुझसे छूट ना पाया था, इक रंग मोहब्बत का हाँ साथ नहीं है तू मेरे, फिर भी मुझमें तू बाकी है तेरा मुझपे कोई साया था, इक रंग मोहब्बत का तेरी रहमत में महसूस करूँ, तेरे जाने के बाद भी तेरा मुझपे करम खुदाया था, इक रंग मोहब्बत का इक रंग मोहब्बत का इक रंग इबादत का... #रंगमोहब्बतका #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अनकहेअल्फ़ाज़