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ना मौसम हूं मैं जो बदलूंगा, ना कोई पत्थर हूं मैं

ना मौसम हूं मैं जो बदलूंगा,
 ना कोई पत्थर हूं मैं जो टूटूँगा,
बस इतना सोचूंगा,
शायरी तोह रग रग में बसी है,
मगर दिल में कुझ बातें होते है ऐसी,
जो मैं ना बोलूंगा बस तुम्हारे नाम पे लिखूंगा,
तुम्हारे नाम पे लिखूंगा,




bas

©Jass Bandesha
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