रबैये का रोब हम भी छाड़ सकते थे , मग़र रिश्तों को छूने बुलंदियां , ज़रूरत से ज़्यादा झुका लिया ख़ुदको रबैये का रोब तो हम भी छाड़ सकते थे , मग़र रिश्तों को छूने बुलंदियां ,......🙏