without a guru the knowledge is incomplete ,without the sea waves are incomplete गुरु ही ईश्वर होते हैं जो हर पल नया चीज सिखाते हैं गुरु के ज्ञान से ही हम लोग चमकते हैं अपने इस जीवन में कुछ नया करते हैं जैसे तब कर सोना और निखरता है वैसे ही गुरु का ज्ञान है जो हमें सोने के तरह चमकाते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुंचते हैं प्रिय परिवारजनों को गुरु नानक जंयती की हार्दिक शुभकामनाएँ। गुरु पर्व के नाम से जाने जाने वाले इस पर्व को पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी का अवतरण संवत् 1526 में कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था। इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। कुछ विद्वान गुरु नानक जी की जन्मतिथि 15 अप्रैल, 1469 मानते हैं। नानक जी का जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गांव खत्रीकुल में हुआ था। गुरु नानक जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी। गुरु नानक जी सिखों के आदिगुरु हैं। गुरु नानक देव जी अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु - सभी गुणों को समेटे हुए थे। आइए, उनके प्रकाश पर्व को अपनी कविता द्वारा मनाएँ। #गुरुनानकजयंती