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तैरा तो बहुत पर किनारा नहीं मिला अंधेरी रात में को

तैरा तो बहुत पर किनारा नहीं मिला
अंधेरी रात में कोई तारा नहीं मिला
चारो तरफ सिर्फ प्रवचनों का भंडार
पर दूर दूर तक कोई ईशारा नहीं मिला
तैरा तो बहुत..…..
थकन भी थक गई सिलसिला देखकर
जो मुझसे जीता वो विचारा नहीं मिला
समर्पित भावों का सैलाब भिगोता रहा
जिसने तारीख दी वो दुबारा नहीं मिला
तैरा तो बहुत.......
अंजान राहों का सफ़र भी अज़ीब था
मेरे गीतों को साजों का सहारा नहीं मिला
अब तो शाम हो रही है धीरे धीरे "सूर्य"
टूटे हुए पतवार को कोई चारा नहीं मिला
तैरा तो बहुत........

©R K Mishra " सूर्य "
  #किनारा  Rama Goswami Kanchan Pathak Sethi Ji Dikesh Kanani (Vvipdikesh) भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन