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कभी कभी तो सचमुच यकीन होने लगता है कि ज़िन्दगी वाक

 कभी कभी तो सचमुच यकीन होने  लगता है कि ज़िन्दगी वाकई  एक बड़ी खूबसूरत बला है।

शरीर-विज्ञान में नोबेल पुरस्कारप्राप्त चार्ल्स राबर्ट रिशेट ने कहा है: ‘‘अत्यन्त विचित्र, अत्यन्त विस्मयकारी, अत्यन्त असम्भाव्य प्रतीत होने वाली बातें अभी भी प्रत्यक्ष सामने आ सकती हैं जिनके एक बार प्रतिष्ठापित हो जाने पर हमें उसी तरह आश्चर्य नहीं होगा, जिस तरह गत एक शताब्दी के दौरान विज्ञान द्वारा किये गये आविष्कारों पर नहीं होता। ऐसा मान लिया जाता है कि जिन चमत्कारिक घटनाओं को हम अब बिना विस्मित हुए स्वीकार कर लेतें ह
 कभी कभी तो सचमुच यकीन होने  लगता है कि ज़िन्दगी वाकई  एक बड़ी खूबसूरत बला है।

शरीर-विज्ञान में नोबेल पुरस्कारप्राप्त चार्ल्स राबर्ट रिशेट ने कहा है: ‘‘अत्यन्त विचित्र, अत्यन्त विस्मयकारी, अत्यन्त असम्भाव्य प्रतीत होने वाली बातें अभी भी प्रत्यक्ष सामने आ सकती हैं जिनके एक बार प्रतिष्ठापित हो जाने पर हमें उसी तरह आश्चर्य नहीं होगा, जिस तरह गत एक शताब्दी के दौरान विज्ञान द्वारा किये गये आविष्कारों पर नहीं होता। ऐसा मान लिया जाता है कि जिन चमत्कारिक घटनाओं को हम अब बिना विस्मित हुए स्वीकार कर लेतें ह