"प्रेम रंग तुम्हारा लगा है जबसे,
तुम संग ही अब हर रंग भाता है;
कुछ बाकि नहीं रहता मुझमें,
तुम संग ही खींचा चला जाता है।
क्या बताऊँ फिर क्या हाल मेरा होता है,
मुझ संग जुड़ने तुम्हारी साँसों का आना लाज़िमी हो जाता है;
तुम बिन कुछ भी अच्छा नहीं लगता जो, #Poetry#स्वरचितरचना#AnjaliSinghal