बिस्तर पर बैठे ताकता रहता हूँ अक्सर जिंदगी में मौत झांकता रहता हूँ अहसास है मुझे अपनी हर उस ग़लती का जिसके पन्ने फाड़ता रहता हूँ मुक़म्मल होगा नही जो कभी वो सच टालता रहता हूँ मेरी यादें मेरे आँसू मेरे न रहे हँसकर उनसे भागता रहता हूँ बदलने की जिद ने इतना बदल दिया बिस्तर पर बैठे ताकता रहता हूँ अब मौत में जिंदगी झांकता रहता हूँ ©Sarthak dev #ReachingTop #ड्रीम्स #life #hsjskd