रात है तन्हा आधा चाँद, देख देख मुस्काता चाँद, आसमान में लाखों तारे, दिल मेरा धड़काता चाँद, चंद घड़ी है साथ चाँदनी, छुपने फिर से जाता चाँद, अस्ताचल जब हुए सूर्य, तो ढाढस देने आता चाँद, रिश्ते में लगता है मामा, दूध कटोरी लाता चाँद, बच्चा बूढ़ा सबके मन को, घड़ी घड़ी बहलाता चाँद, प्रेम प्रतीक संगमरमर का, उसका रूप बढ़ाता चाँद, पनघट तट पर राह देखती, प्रिय का साथ निभाता चाँद, चन्द्रयान तीन से मिलकर, दिल की बात बताता चाँद, सदियां बीत गई हैं 'गुंजन', सब पर प्यार लुटाता चाँद, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' ©Shashi Bhushan Mishra #आधा चाँद#