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तेरे चेहरे को अपने लबों के पास जब ले आता हूं , धड़

तेरे चेहरे को अपने लबों के पास जब ले आता हूं ,
धड़कनें बढ़ जाती है, सांसों के साथ जब ले आता हूं, जैसी मदहोशियाँ गूँजती हैं तेरे नजरों के एहसास से,  तन बदन जल जाता है तेरे होने के लिहाज से,

 तुझसे लिपटकर तेरे आगोश में यूं खो जाता हूं 
अक्सर मैं तेरे बालों के नीचे सो जाता हूं
 तेरी आंखों में आंखें डाल कर ,तेरे चेहरे पर हाथ और हाथों से जुल्फे हटा कर, तुझे जी भर के यूं देखता हूं ,ऐसा लगता है इस सर्द रातों में तुझे अलाव की तरह सेंकता हूं
 तेरे करीब आने से अजब सी उमड़ मचती है
 वो तेरा काला लिबास छूते ही तू हंस पड़ती है 
फिर तेरे लबों को जो छूने होठों से चाहता हूं
 मेरा ख्वाब टूट जाता है ,मेरा ख्वाब टूट जाता है।। #imagination #pastlife #pastmemories #pastmistakes #pastdays
तेरे चेहरे को अपने लबों के पास जब ले आता हूं ,
धड़कनें बढ़ जाती है, सांसों के साथ जब ले आता हूं, जैसी मदहोशियाँ गूँजती हैं तेरे नजरों के एहसास से,  तन बदन जल जाता है तेरे होने के लिहाज से,

 तुझसे लिपटकर तेरे आगोश में यूं खो जाता हूं 
अक्सर मैं तेरे बालों के नीचे सो जाता हूं
 तेरी आंखों में आंखें डाल कर ,तेरे चेहरे पर हाथ और हाथों से जुल्फे हटा कर, तुझे जी भर के यूं देखता हूं ,ऐसा लगता है इस सर्द रातों में तुझे अलाव की तरह सेंकता हूं
 तेरे करीब आने से अजब सी उमड़ मचती है
 वो तेरा काला लिबास छूते ही तू हंस पड़ती है 
फिर तेरे लबों को जो छूने होठों से चाहता हूं
 मेरा ख्वाब टूट जाता है ,मेरा ख्वाब टूट जाता है।। #imagination #pastlife #pastmemories #pastmistakes #pastdays
akshitojha7888

Akshit Ojha

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