डरना किस बात का और हतासा किस बात की, जब कर्म हो अच्छा तो दिलासा किस बात की। डरें वही करे जो बुरा कर्म और तोड़े अपना धर्म, हम कर्मवान हैं तो फिर निराशा किस बात की। #कर्मफल #kamjoriyan