"तेरे हसीन चेहरे की हर अदा को अपनी नजरों में कैद कर रहा था मैं तुझे करीब से गुज़रते देख जैसे खुद से मिल रहा था मैं तेरा एक पल का दिख जाना भी किसी जन्न्त से कम कहा है उस अंधेरी शाम सड़क पर आफताब से घिर रहा था मैं मैं जमा रह गया वहा मानो किसी शज़र की तरह पर घनी बरखा की तरह तुझे देख मन ही मन तृप्त हो रहा था मैं।" #parag_sharmas_poem #parag_sharma #love #poetry #quotes #writer #poems #poetry