उलझनो के उलझन मे उलझाता है कोई बुलबुल को पिंजरे मे जैसे तड़पता है कोई नशेमन जो हुआ करता था कभी घर अपना क्या बताए अब उसमे आग लगाता है कोई -Anzar #ZindagiHunMain #lafz #poetry #shayri #life