कविता-चन्द्रयान 2 गवृ है हमे अपने वतन के शेरों पर।अभी सिर्फ सम्पर्क टुटा है हमारा होसला नही। करेंगे हर जगं मे जीत हासिल,ये हमने ठाना है हम कमजोर नहीं हुए इतना ये हमनें माना है।चन्द्रयान-2 हुआ है विफल तो क्या हुआ,होसला अपना बनाये रखेंगे। हमें विश्वास है अपने शेरों पर हार उन्होंने नहीं मानी है।। करेंगे प्रयास दुबारा,ये हमने ठाना है।अभी है होसला हममें,ये हमनें माना है। अभी है हमारे शेर मोजुद उन्होंने होसला हमे दिया है । मुश्किल आये चाहे जितनी भी,हर मैदान जीत जायेगे। ये तो किस्मत थी हमारी फिर से आजमायेगे।। कवि नवरतन बंजारा हमे गर्व है।।।।