जिंदगी जीना है फिलहाल - २ कृपया अनुशीर्षक में पढ़े तब तक तो हम बच्चे थे जब तक छोटे थे तब तक ही अच्छे थे करते थे शैतानी बड़ी बड़ी पर तब तो हम बच्चे थे चोट लगे तो आ जाते थे सब सबको रहता था खयाल हमारा क्योंकि तब तक तो हम बच्चे थे दिल के बड़े ही सच्चे थे