#OpenPoetry तुम्हें पाना भी "मुहब्बत" है तुम्हें खोना भी "मुहब्बत" है हिज्र-ए-मुहब्बत में फक्कड़ हँसकर रोना भी मुहब्बत है सचिन "फक्कड़" मेरी पंक्तियाँ