अगल गाँव देखा बगल गाँव देखा गंगा नहा के सगल गांव देखा ये देखा कि निर्मल नहीं था गंगा का पानी पेड़ों से छिनी है वो हवा जो थी रूहानी कंक्रीटों के जंगल ने घेरा जहाँ को ढलने सी लगी है धरती की जवानी गर जागे अभी न तो देर काफ़ी होगी पानी को तरसेगी न मिलेगी फिर रोटी धुंआ होगा हर तरफ होंगे सब रोगी अपने ही जीवन के हमी भुक्तिभोगी चलो तो एक काम मिल के साथ हैं करते तुम बाटों पेड़ हम पानी हैं भरते धरा है तो जीवन ये हवा और ये पानी तड़प के मरेगें हम और हमारे आने वाले बच्चे "ये पर्यावरण हमारा आपका है, इससे पहले कि ये समाप्ति की ओर बढ़े आओ मिलकर संकल्प लें इसे बचाने का " #worldenvoirnmentday #envoirnmentday #savearth #nojoto #mohit #themodernpoets #nojotohindi