( दस्ता वो प्यार का कहना कुछ यूँ है ) साल 2020 था 25 जून का वो दिन था , बात उन्से ये हुयी मेरे साथ हमेसा रहोगी ना । मुस्कुरा के वो कहती थी तू पागल है क्या । फ़ोन कर के कह दिया कभी बात मुझसे करना मत , मैने भी पुछ लिया क्या गलती थी मेरे प्यार की , उन्होने बस इतना कहा आज के बाद मिलना मत । उन्से दुर होके पुरे रात दिन रोता रहा , जब कुछ समझ मे ना आया तो suicide करने चला गया । लगभग मर चुका था मै , बस हॉस्पिटल मे जिन्दा लाश गया । मै मौत के करीब था बस याद उन्हे करता था , जुबां पे उनका नाम था उतने मे हिम्मत हार गया । माँ मेरी रोती रही मै 5 महिने I.C.U मे था , 12 oppression हुये तब जाके जिन्दा हुआ । मै हिम्मत हार गया , तभी मेरे माँ का आशीर्वाद मेरे साथ रहा । आज मै जो जिन्दा हूँ , उसमे मेरे माँ का प्यार और आशीर्वाद रहा । ये कहानी उस आशिक की है , जो मेरे अंदर मर गया । ©love guru #kahani #love#guru