सोचता हूँ, चारपाई के नीचे जो चप्पलें खो जाती हैं । उन चंद लम्हों की फ़िराक में शायद । के खुद तो कदमों का सहारा बनना लाज़मी है । ज़रूरत की वजह ही सही, हमको भी सहारे के हाथ मिलेंगे । इसी बहाने, थोड़ा और घिस लेंगे ।। #फ़िराक #CalmKaziWrites #YQBaba #YQDidi #Poetry #Poem #NaPoWriMo #GloPoWriMo #हिंदी #कविता #चप्पल #Slippers