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धूप उतरी थी आज आँगन में जाड़े वाली सोंधी-सोंधी सी ध

धूप उतरी थी आज आँगन में
जाड़े वाली सोंधी-सोंधी सी धूप
गुनगुनी सबुझ रंगों में ढली धूप
मुरझाए मन में लाल कोंपल सी
चहकती चुनमुन चिरैय्या सी
पंख झटककर कूँजती खेलती
नन्हीं-नन्हीं डग भरती बिटिया सी
     #toyou#yqspirit#yqlife#yqlove#sunshine
धूप उतरी थी आज आँगन में
जाड़े वाली सोंधी-सोंधी सी धूप
गुनगुनी सबुझ रंगों में ढली धूप
मुरझाए मन में लाल कोंपल सी
चहकती चुनमुन चिरैय्या सी
पंख झटककर कूँजती खेलती
नन्हीं-नन्हीं डग भरती बिटिया सी
     #toyou#yqspirit#yqlife#yqlove#sunshine