अकड़ नहीं है उसमे ,जरा भी नही! बहुत टूटी हुई सी मिली है मुझसे कहती है बहुत हिम्मत है उसमें पर छल से टूट जाती है वो हर बार समझ नहीं आता की आखिर ये छल क्या है! क्या कोई झूठ है? जो यदा कदा बोला गया हो या फिर किसी को दुःखी न करने के लिए नहीं कहा गया कोई वाक्य या ,क्या छल यह भी है सच को अपनी सुविधा अनुसार बताना क्या चुप रहना भी छल मान लिया जाना चाहिए क्यूं दुखी होता है यह किसी के सच न बोलने से क्यों टूट जाता है कोई झुठ सुन लेने भर से क्यों छली जाती रूह किसी के चुप भर रहने से। #छल #सच #झूठ #अकड़ #टूटना #यदाकदा #yqdidi #yqhindi