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यात्रा-वृतांत... ग्वालियर-बरौनी ट्रेन के 3rd AC मे

यात्रा-वृतांत...
ग्वालियर-बरौनी ट्रेन के 3rd AC में चारबाग, लखनऊ
से पटना का सफर करते हुए मदन जी को साइड अपर की
बर्थ मिली थी। रात के 11:30 बजे मदन जी को ठंढ़
लगने लगी। चारों तरफ नजर दौड़ाई तो देखा कि सभी
अपने-अपने बर्थ पर गहरी नींद में सो रहे हैं...  सामने लोअर
बर्थ एक खूबसूरत लड़की कान में इयरफोन लगाये गाना
सुन रही थी और उसी बर्थ पर कंबल का पैकेट भी पर
पड़ा हुआ है। उन्होंने झट से सामने वाले बर्थ पर बैठी
उस लड़की को आवाज लगाई...

आवाज सुनने के बाद वह लड़की मदन जी की ओर देखी...
मदन जी ने कहा -- “हेलो, मुझे बहुत ठंढ़ लग रही है, पैर
और कमर में दर्द भी है... चढ़ने उतरने में तकलीफ है...
आप अपने कोमल और नाजुक हाथों से, वो कंबल का
पैकेट मुझे दे दो... प्लीज ?”

लड़की दूसरे कान से भी ईयरफोन हटाकर मुस्कुराते
हुए बोली -- “अकेले सफर कर रहे हैं क्या?"

मदन जी बोले, - "सही पकड़े हैं... वो पैकेट... दे दो प्लीज!"

लड़की मुस्कुराते हुए बोली, -- "ठंढ़ तो मुझे भी लग रही है
लेकिन, मेरे पास ठंढ़ से बचने के लिए जबरदस्त
आइडिया है... आपका भी ठंढ़, कमर दर्द और पैदर्द
छूमंतर हो जायेगा।"

मदन जी खुश होकर बोले, -- "Wow... Great Idea,
बताओ, क्या करना है ?"

लड़की मुस्कान बिखेरती हुई बोली -- "क्यों न हम और
आप एक दूसरे से बातें करते हुए इस सफर और रात को
यादगार बना दें…! फिर जल्दी से उठिए और नीचे आइए!"

मदन जी बड़ी खुशी से एक ही झटके में ऊपर की बर्थ
से नीचे कूद पड़े... और लड़की से बोले, -- "मैं भी बर्थ
पर लेटे-लेटे बोर हो रहा था... मंजिल अभी दूर है और
रातें लंबी... अब रातें आराम से कट जायेगी... बातें
करते-करते...! अगले स्टेशन पर ट्रेन रूकती है तो
आपके लिए मस्त कड़क चाय मंगवाता हूँ!"

मदन जी उस लड़की की बर्थ पर बैठने ही वाले थे कि
 तभी लड़की बोली -- "सुनिए...! अभी रात के 11:45 बज
रहे हैं... इस कंपार्टमेंट में सिर्फ हम और आप ही जगे हैं...
लेकिन, मुझे चाय नहीं पीना है... कल से नवरात्र शुरू
हो रहे हैं... इसलिए, मैं सोने जा रही हूँ... और आप नीचे
आ गये हैं तो, आपका कमर और पैर दर्द भी ठीक ही हो
गया होगा... अपना कंबल उठाइए और जाकर सो जाइए !"
😝🙈😂😁🤣🤭

©Alok Ranjan
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