1222 1222, 1222 1222 सुनो मेरी ज़रा साजन,तुम्हे गर यूं सताना है। नहीं मेरी कभी सुनना,सदा अपनी सुनाना है। रुलाना है सदा मुझको,सभी हद पार करना है। सुनो फिर छोड़ दो मुझको,मुझे ऐसे ही' रहना है। #मौर्यवंशी_मनीष_मन #मुक्तक_मन लगागगा लगागागा लगागगा लगागागा। #स्त्रीजीवन #पति #jhagdapyar #yqdidi #hindipoetry #hindiwriters