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""तमाम उम्र सजाना हैं ,दर्द सीने में, गम -ए-हुसैन

 ""तमाम उम्र सजाना हैं ,दर्द  सीने में,
गम -ए-हुसैन ,फकत दस दिन का मंजर नहीं ....!""

आज बाजार में अजीब बेवफा मंजर देखा जायेगा ....

हुसैंन की नमाज़ जंग ए कर्बला में भी कजा  नही हुई .....
आज उन्ही के नाम पर लोगो को बेनमाजी घुमते देखा जायेगा ........
 ""तमाम उम्र सजाना हैं ,दर्द  सीने में,
गम -ए-हुसैन ,फकत दस दिन का मंजर नहीं ....!""

आज बाजार में अजीब बेवफा मंजर देखा जायेगा ....

हुसैंन की नमाज़ जंग ए कर्बला में भी कजा  नही हुई .....
आज उन्ही के नाम पर लोगो को बेनमाजी घुमते देखा जायेगा ........