प्रेम का साहित्य प्रेमिका की गोद में सर रखकर उसके बालों को सहलाने से नहीं बनता है 👉जब वो विचारों के रूप में,आपके ख्यालों में हमेशा आपके साथ हो फिर भी आप खुद को अत्यधिक अकेला महसूस करें, प्रेम का साहित्य यहाँ से बनता है.. ©Sumit Kumar प्रेम का साहित्य..