मेरी भी कुछ परते है, जीवन कि कुछ शर्ते है, मेरे भी कुछ सपने है, कुछ काले तो कुछ गहरे है, मेरी आँखे काली है इनमे चाकू-छुरी है, आँख मिला कर देखो तो इनमे कितनी मज़बूरी है, आज यहाँ कुछ लिख भी दू तो कागज देना तू मुझको दोष नहीं, मगर मेरे अधूरे सपनो का यही अंतिम विसपोट नहीं, @mahi5508