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कितने खुश थे हम अकेले, न थे दुनिया के कोई झमेले, त

कितने खुश थे हम अकेले, न थे दुनिया के कोई झमेले, तुम हवा के जैसे आईं और देकर चल दी तनहाई कितने खुश थे अकेले
कितने खुश थे हम अकेले, न थे दुनिया के कोई झमेले, तुम हवा के जैसे आईं और देकर चल दी तनहाई कितने खुश थे अकेले