पुख्ता बुनियाद पर टिकी थी इमारत, उस पर लिख दिए कई बड़े इबारत। प्रशंसा के कसीदे तो बहुत पढ़े गए, नेताओं ने कई भाषण भी पढ़ दिए। मगर नही दिखा बनावट का भी राज़, उन पर नहीं कहे ज़रा भी अल्फाज़। बनाने वाले कारीग़र दर्द ही सहते रहे, उनके ज़ख्मों की अाह के लफ़्ज न रहे। ये ही था ताजमहल के पीछे अत्याचार, कैंसे होगा पूरा उन का ये बस प्रतिकार। ताज महल को तो मिली हर बार वाह, उन गरीबों के लिए न निकली इक आह। #पुख्ता #बुनियाद #इबारत #yqdidi #yqbaba #yqquotes #yqhindi #yqchallenge