जब न रहूं मैं, जलाना नहीं मुझे। दफनाना देना और लगाना, 'गुलाब' का पौधा वहां पर। ताकि 'महका' सकूं जहां को, मरने के बाद भी। ©shailesh jha( सांझ_शैलेश) #सांझ_शैलेश #दफनाना #महक #hindi_poetry #Rose