हम होंगे कामयाब (डरना नहीं है, लड़ना है) ********************************* इक्किस दिन तक आज से, घर में रहिए बंद, मिलकर करना है हमें, कोरोना को मंद । तोड़ सके यदि हम सभी, कोरोना की चैन, दुनिया मानेगी हमें, जग का सूपरमैन । हे दुर्गे, नवरात्रि में, कर दे ऐसा खेल, थम जाएं इस देश में,कोरोना की रेल। हर हिंदुस्तानी जगे, जागे हिंदुस्तान, आओ मिलकर बचा लें, दुश्मन से इंसान। धर्म-जाति सब छोड़ दो,सहकर थोड़ा क्लेश। अपने घर में बैठिए, तभी बचेगा देश। लक्ष्मण रेखा खिंची है,लांघ न जाना आप, वरना रावण खड़ा है, दे जाएगा ताप । आज परिक्षा की घड़ी, संयम रखो सुजान, हारेगा हर कोरोना,जीतेगा इंसान। सुरेश मिश्र सटल त गईल बेटा