आँखों की जुबां भी पढ़ लेनी चाहिए, हर बार यही जरूरी नहीं कि जो जुबा कहे वही सच है कभी-कभी आंखें भी पढ़ लेनी चाहिए क्योंकि जो बात जुबा से नहीं कहीं जा सकती। वो आंखे से बयां हो जाती हैं। Aankhen v padh Leni Chahiye