मूक रहकर देखो जरा दुनिया का तमाशा पूछो ज़रा दरखतों से उनकी हताशा चलती है मूक पर कुल्हाड़ी बेतहाशा सामर्थ्यवान की होती पूरी अभिलाषा.... #nojotohindi#मूक#कविता#poetry